मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क तुम्हें हो जाएगा ,
तन्हाई में नगमें गाओगे जब इश्क तुम्हें हो जाएगा.
इसी ज़मीन पर
न भटकेगा मन इधर उधर और नज़रें होंगी लक्ष्य पर,
अपनी धुन में रम जाओगे जब इश्क तुम्हें हो जाएगा.
है चहरे पर वो चमक तेरे जो दूर अँधेरा कर देगी,
गर राह तुम्हें मिल जायेगी तो लक्ष्य हासिल हो जाएगा.
हर मुश्किल हो जाए आसां तुम हंस कर करना यार उसे,
ना बोझ लगेगा फिर कुछ भी जब इश्क तुम्हें हो जाएगा .
गर राह कहीं दुश्वार हुई और हिम्मत की दरकार हुई,
हो कहीं भले प्रदीप मगर फ़ौरन हाज़िर हो जाएगा .