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Sunday, April 24, 2011

तलाश !

तलाश !
जी हाँ ज़िन्दगी इक तलाश ही तो है ........
तलाश पहले भी थी,
और आज भी है .....
मगर फ़र्क़ सिर्फ़ इतना है
कि पहले मैं खूबसूरती में ज़िन्दगी ढूंढता था ,
और अब ज़िन्दगी में खूबसूरती ढूंढता हूँ ..........

3 comments:

Dr.R.Ramkumar said...

ज़िन्दगी इक तलाश ही तो है ........
पहले मैं खूबसूरती में ज़िन्दगी ढूंढता था ,
और अब ज़िन्दगी में खूबसूरती ढूंढता हूँ ..........



BAHUT SUNDER BAAT

Pradeep Kumar said...

Dhanyavad Ramkumar ji, hausla afzaaie ke liye shukriya. aapka blog to sahitya ka khazana hai.achchhi tarah padhkar comment karoonga.

BrijmohanShrivastava said...

बहुत बढिया बात कही है ऐसा आम लोगों के साथ होता है उम्र बढने के साथ