दर्द आँखों में सिमट आया है ,
जाने कौन मुझे याद आया है ।
किस कदर ज़िन्दगी हुई तन्हाँ ,
हमसफ़र है न कोई साया है ।
कुछ तो मेरी खता रही होगी ,
उसने मुझको अगर भुलाया है।
जब बातें नहीं कोई उनसे ,
अपना साया हुआ पराया है।
उम्र भर कौन साथ देता है,
दिल को ऐसे ही अब मनाया है ।
जाने किसकी तलाश में प्रदीप ,
तूने अपना ही दिल जलाया है .
7 comments:
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दर्द आँखों में सिमट आया है ,
जाने कौन मुझे याद आया है ।
किस कदर ज़िन्दगी हुई तन्हाँ ,
हमसफ़र है न कोई साया है ।
bahut sunder.......badhai.
bahut achha
bohut ache sir..
दर्द आँखों में सिमट आया है ,
जाने कौन मुझे याद आया है ।
किस कदर ज़िन्दगी हुई तन्हाँ ,
हमसफ़र है न कोई साया है ।
कुछ तो मेरी खता रही होगी ,
उसने मुझको अगर भुलाया है।
bahut sundar.....shubhkaamanaayein
-Madhuri
nice
दर्द आँखों में सिमट आया है ,
जाने कौन मुझे याद आया है ।
किस कदर ज़िन्दगी हुई तन्हाँ ,
हमसफ़र है न कोई साया है ।
dard ko bahut khubi se khaha hai app ne ......dard de kar chale jaty hai log..or chood jaty hai yaade.....
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