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Friday, February 13, 2009

तुम

चुप रहकर भी सब कुछ मुझसे कहते हो ,
यार मेरे तुम अब भी दिल में रहते हो ।
खुशियों की बारिश करते हो तुम सब पे ,
अपना गम पर तन्हाँ तन्हाँ सहते हो ।
क़दम मेरे डगमग होते हैं जिस पल भी ,
संबल बनकर साथ मेरे तुम रहते हो ।
सारी दुनिया जब लगती है बेगानी ,
उस पल भी तुम मेरे बनकर रहते हो ।
जो मिलता, गम देकर चल देता है ,
खुशियों के सावन लेकर तुम आते हो ।
मुद्दत गुज़री यूं तो बातें किये हुए,
फिर भी अक्सर संग मेरे तुम रहते हो ।
रिश्ते सारे दुनिया में हैं मतलब के ,
दोस्त तुम ही जो बेमतलब संग रहते हो ।
अपनी मर्ज़ी से कब जलता है प्रदीप ,
तुम ही हो जो मुझको रौशन करते हो .

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