चुप रहकर भी सब कुछ मुझसे कहते हो ,
यार मेरे तुम अब भी दिल  में  रहते हो ।
खुशियों की बारिश करते हो तुम सब पे ,
अपना गम पर तन्हाँ  तन्हाँ    सहते  हो ।
क़दम मेरे डगमग होते हैं जिस पल भी ,
संबल   बनकर    साथ मेरे तुम रहते हो ।
सारी    दुनिया जब    लगती   है  बेगानी ,
उस पल भी तुम मेरे बनकर रहते हो ।
जो मिलता,  गम     देकर चल देता है ,
खुशियों के सावन लेकर तुम आते हो ।
मुद्दत     गुज़री यूं    तो  बातें   किये हुए,
फिर भी अक्सर संग मेरे तुम रहते हो ।
रिश्ते    सारे   दुनिया  में    हैं  मतलब  के ,
दोस्त तुम ही जो बेमतलब संग रहते हो । 
अपनी   मर्ज़ी से     कब  जलता है प्रदीप ,
तुम ही हो जो मुझको रौशन करते हो .
![[lock2.bmp]](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhXgUWgEg5i7Hjk49lYgKlp2Wns2wHjtEylFNmlRZ2PA9hhdWx9zV9uap5jRaXgwEUeZr9KSsdj_Nf9NnD7yEekcZuD5uy4_-BwhPrpiqTld3U1wsy4Q-c_DrDYwIk6yN7SGfBvz97qprY/s1600/lock2.bmp) 
 
 
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