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Monday, July 25, 2011

क्या सब कुछ बदल गया ?

क्या सब कुछ बदल गया ?
एक अरसे बाद गाँव गया,
तो बहुत कुछ बदला हुआ पाया ..
कच्ची गलियों की जगह पक्की सड़कें ,
कच्चे घरों की जगह ऊंची मंजिलें .
कभी कीचड भरी चौड़ी गलियां
आज पक्की मगर कुछ तंग हो गई हैं.
जैसे शहर में जगह की तंगी गाँव तक पसर गई है.
बाब्बा राम राम , मैंने राह में बुज़ुर्ग को देखते ही कहा
मगर उसने पहले मुझे घूर के देखा
और फिर पहचान कर, राम राम लिए बिना चुपचाप बगल से गुज़र गया .
मैंने साथ चलते राजू से पूछा ?
क्या बात है , बाब्बा ने राम राम भी नहीं ली .
वो अबके प्रधानी के इलेक्शन में हमारे साथ नहीं थे - राजू बोला .
ओह , ये बात है ...
इलेक्शन कि कडुवाहट अब तक बाकि है ,
तभी राम राम भी नहीं ली .
सांझ के वक़्त अब लोगों की चौपाल नहीं जमती
पंचायतों में बढ़ते धन ने दिलों के बीच दूरी
ज्यादा ही बढ़ा दी है --
सुबह बेबे से बासी रोटी मांगी
तो वो बोली अभी गरम रोटी बनवाती हूँ.
मगर बेबे - मैं तो यहाँ बासी रोटी खाने आया हूँ
गुड, नोणी घी और छा के साथ .
नहीं बेटा, गरमा गरम रोटी खा, दूध के साथ
शहर में दूध नहीं धोला पानी मिलता है .
मैं मन मारकर रह गया, क्या करता
बस ! ढूध के साथ गरम रोटी धकेल ली
और खेतों की तरफ निकल गया .
राह में फिर वही अनुभव लोग कटे कटे से दिखे
अकसर जो बहुत प्यार से मिलते थे आज
जुदा जुदा खिंचे खिंचे से दिखे .
गाँव के मेल मिलाप को तरसता
अपने मन में कुढ़ता बेमन से घर लौटा .
रात का खाना खाकर ताऊ के घर गया
तो वहाँ भी बहुत कुछ बदला पाया .
ढूध लोगे या चाय ताऊ ने पूछा .
मैंने सोचा ये क्या , पहले तो आते ही दूध मिलता था .
इसी सोच में मुंह से निकल गया दूध !
जवाब सुनते ही ताऊ चौंका !
क्या ? अब तक चाय पीना नहीं सीखे
चलो बढ़िया है शहर का रंग पूरा नहीं चढ़ा,
फिर क्या ताऊ ने दूध मंगवाया
तो मैं पीकर घर आया ,
आते ही बेबे बोली - कहाँ चला गया था ?
अब यहाँ बहुत कुछ बदल गया है
रात के बखत ज्यादा देर तक बाहर नहीं रहते
लोगों में रंजिश बहुत बढ़ गई है
अँधेरे में कोई कुछ भी कर सकता है
सुना नहीं परसों कालू को किसी ने चाक़ू घोंप दिया
गाँव में आना है तो संभल के आया कर
वरना वहीं कर खा
बेकार में हमारी परेशानी ना बढ़ा.
पता नहीं ये बेबे का डर था या गाँव की बदली हुई हवा !
मगर इतना तो तय है कि अब मेरे गाँव में बहुत कुछ बदल गया है
बहुत कुछ क्या सब कुछ बदल गया है .
सब कुछ बदल गया है .

1 comment:

shama said...

Sabhee jagah badlaaw aa gaya hai....aur bahut kuchh bigad gaya hai!