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Tuesday, March 04, 2008

हूँ ! तुम मुझपे कविता लिखोगे -8

बच्ची को जनने की पीड़ा , कमसिन माँ बनने की पीड़ा ।

बचपन को खोने की पीड़ा ,को बोलो तुम क्या लिखोगे ?

हूँ तुम मुझपे कविता लिखोगे !

कोख मेरी बसने से पहले ,वो उसका सौदा कर बैठा ।

बच्ची या बच्चा हो कुछ भी ,देने का वादा कर बैठा ।

मेरे गम से मूँद के आँखें ,औरों का गम उसको भाया ।

कोख मेरी और वादा उसका , जी हाँ मैंने नहीं निभाया ।

यूँ तो मैं सब कुछ सह लेती , पर बच्ची देना ना भाया ।

कुछ पाने की खुशियाँ और सब कुछ खोने की पीड़ा

को शब्दों मैं क्या लिखोगे ? कैसे तुम कविता लिखोगे ।

हूँ तुम मुझपे कविता लिखोगे !

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